श्री अपूर्व चन्द्रा
श्री अपूर्व चन्द्रा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1988 बैच के महाराष्ठ संवर्ग के अधिकारी हैं। श्री अपूर्व चन्द्रा ने आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। इन्हें महाराष्ट्र सरकार और भारत सरकार में सेवा करने के दौरान उद्योगों से संबंधित मुद्दों पर काम करने का लंबा अनुभव है।
श्री चन्द्रा ने भारत सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में 7 वर्ष से अधिक कार्य किया है। इनकी उद्योगों को ईंधन आपूर्ति, ईंधन उत्पादों की सप्लाई लॉजिस्टिक, परिवहन, भंडारण और वितरण आदि के संबंध में नीतियां बनाने में सहभागिता रही है। ये प्राकृतिक गैस परिवहन, सिटी गैस वितरण कंपनियों की स्थापना, एलएनजी आयात टर्मिनलों और उद्योगों को गैस के आवंटन से सीधे जुड़े रहे हैं। श्री चन्द्रा महारत्न पीएसयू, गेल (इंडिया लिमिटेड) और पेट्रोनेट एलएनजी लि. के निदेशक रहे हैं।
श्री चन्द्रा ने महाराष्ट्र सरकार में 2013 और 2017 के बीच 4 वर्ष से अधिक प्रधान सचिव (उद्योग) के पद पर कार्य किया है। महाराष्ट्र इन वर्षों में एफडीआई और अन्य निवेश प्राप्त करने में देश में अग्रणी रहा। श्री चन्द्रा की इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी, रिटेल पॉलिसी, निवेश प्राप्त करने हेतु सिंगल विंडो पॉलिसी जैसी कई नई नीतियां बनाने में मुख्य भूमिका रही है। महाराष्ट्र में ओरंगाबाद में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कोरीडोर (डीएमआईसी) के तहत पहली स्मार्ट इंडस्ट्रीयल काउंसिल श्री चन्द्रा के नेतृत्व में चालू की गई है। सामान्य सुविधा केंद्रों के माध्यम से आधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई हेतु 70 से अधिक क्लस्टर चालू किए गए हैं। श्री चन्द्रा के कार्यकाल के दौरान जनरल इलेक्ट्रिक, जनरल मोटर, वॉल्क्सवैगन, मर्सिडीज, फिएट क्रिस्लर, महिंद्रा, पोस्को, इमर्सन, एलजी, हायर आदि जैसी प्रमुख प्रौद्योगिक कंपनियों ने महाराष्ट्र में निवेश किया है।
श्री अपूर्व चन्द्रा ने 01.12.2017 से रक्षा मंत्रालय में महानिदेशक (अधिेग्रहण) के पद पर कार्यभार ग्रहण किया और उन्हें अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज करके भारतीय सशस्त्र बलों को सुदृढ़ करने का दायित्व दिया गया। इस अवधि के दौरान एस-400 मिसाइल प्रणाली, मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर, असॉल्ट राइफल, नेवल शिप, टी-90 टेंक आदि जैसे कई बड़े कॉंट्रेक्टों पर हस्ताक्षर किए गए। इन्होंने नई रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) का मसौदा तैयार करने हेतु समिति की अध्यक्षता की। डीएपी 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी हुई है और इससे आत्मनिर्भर भारत संकल्पना को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी और सशस्त्र बलों के लिए प्रापण प्रक्रिया तेज होगी।
श्री अपूर्व चन्द्रा ने 01.10.2020 से श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यभार ग्रहण किया और इन्हें सितंबर 2020 में संसद द्वारा पारित श्रम संहिताओं को तेजी से लागू करने का दायित्व दिया गया। इनके मार्गदर्शन में, सभी हितधारकों के साथ गहन परामर्श के बाद सभी 4 श्रम संहिताओं के नियम तैयार किए गए हैं। संगठित क्षेत्र में 78 लाख कामगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए 23 हजार करोड़ रु. के बजट से आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की गई है। इन्होंने आईएलओ की अध्यक्षता की और कोविड महामारी से प्रभावित कामगारों को राहत देने हेतु विचार-विमर्शों की अगुआई की। इनके द्वारा की गई पहलों से कोविड के दौरान अपना जीवन गंवाने वाले कामगारों के परिवारों को पेंशन देने हेतु एक स्कीम शुरू की गई।
श्री अपूर्व चन्द्रा ने 23 अगस्त, 2021 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। तब से, इन्होंने लोक संपर्क, प्रसारण, हितधारक साझेदारी और मीडिया तथा मनोरंजन क्षेत्र के साथ सहयोग से संबंधित मुद्दों पर मंत्रालय के मुख्य नीतिगत मुद्दों पर अग्रणी भूमिका निभाई है। इनके नेतृत्व में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव, सेवा समर्पण आदि जैसे महत्वपूर्ण अभियानों पर अनेक पहल की हैं। इनके मार्गदर्शन मंर मंत्रालय ने 25 अक्टूबर, 2021 को विज्ञान भवन में आयोजित 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया है और मंत्रालय ने नवंबर, 2021 में गोवा में 52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का आयोजन किया।